India-Pakistan News: सेना के जवानों की सुरक्षा के लिए अच्छी खबर, मोदी सरकार की मेगा प्लानिंग, 1500 करोड़ खर्च होंगे बॉर्डर पर खर्च
India-Pakistan News: सेना के जवानों की सुरक्षा के लिए अच्छी खबर, मोदी सरकार की मेगा प्लानिंग, 1500 करोड़ खर्च होंगे बॉर्डर पर खर्च
India-Pakistan News: जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के संवेदनशील इलाकों में सीमा पर फेंसिंग, सड़क संपर्क, निगरानी व्यवस्था और आवश्यक सुविधाओं को अपग्रेड करना शामिल है.
India-Pakistan News: सेना के जवानों की सुरक्षा के लिए अच्छी खबर, मोदी सरकार की मेगा प्लानिंग, 1500 करोड़ खर्च होंगे बॉर्डर पर खर्च
देश की सुरक्षा को और पुख्ता बनाने और सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. हाल के सालों में सीमा पर बढ़े तनाव और गोलाबारी को देखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी दी है.
रिपोर्ट के अनुसार, इन परियोजनाओं में जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के संवेदनशील इलाकों में सीमा पर फेंसिंग, सड़क संपर्क, निगरानी व्यवस्था और आवश्यक सुविधाओं को अपग्रेड करना शामिल है.
इस योजना के तहत 500 किलोमीटर से अधिक की मौजूदा सीमा बाड़ को हटाकर उसकी जगह बहु-स्तरीय, मॉड्यूलर और उच्च शक्ति वाली नई फेंसिंग लगाई जाएगी, जो घुसपैठ की कोशिशों को रोकने में ज्यादा प्रभावी साबित होगी.
High-Level Empowered Committee(HLEC) ने जम्मू-कश्मीर के सांबा, इंद्रेश्वर नगर और कठुआ जिलों, और पंजाब के फिरोजपुर व अबोहर क्षेत्रों में खासतौर से विकास कार्यों को मंजूरी दी है. इसमें सीमा चौकियों (BOPs) को नई सड़कों के जरिए फेंसिंग लाइन से जोड़ने का प्रावधान है, ताकि सैनिकों की आवाजाही तेज और सुरक्षित हो सके.
इसके अलावा सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों के लिए बुलेटप्रूफ संतरी पोस्ट लगाए जाएंगे, विशेषकर उन इलाकों में जो सीमा पार से होने वाली गोलीबारी की जद में आते हैं.
हर कदम उठाएगी सरकार
जल संकट से निपटने के लिए 160 करोड़ रुपये की लागत से टिकाऊ जल स्टोरेज और डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम भी बनाए जाएंगे. फिलहाल, टैंकरों के जरिए ऊबड़-खाबड़ रास्तों से पानी पहुंचाया जाता है, जो अव्यवस्थित और अक्षम है.
सरकार का मानना है कि इन परियोजनाओं से सीमा की निगरानी, लॉजिस्टिक्स और सुरक्षा ढांचे में उल्लेखनीय सुधार होगा, जिससे घुसपैठ की नई रणनीतियों और सीमा पार से होने वाले आक्रामक रवैये का जवाब अधिक प्रभावी ढंग से दिया जा सकेगा.
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